हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल. की शहादत के मौके पर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शोघकर्ता हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सय्यद क़ाशिफ रिज़वी ज़ैदपुरी से विशेष इंटरव्यू:
हौज़ा न्यूज़ : हज़रत फ़ातेमा ज़हराؑ स.ल.का मक़ाम क़ुरआन में किस तरह बयान हुआ है?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी : क़ुरआन करीम में उनकी पवित्रता को आयत-ए-ततहीर में बयान किया गया है:
إنما يريد الله ليذهب عنكم الرجس أهل البيت ويطهركم تطهيرا
यह आयत अहले बैत अؑतहार के सम्मान और उनकी रूहानी पाकीज़गी की गवाही देती है।
हज़रत फ़ातेमाؑ स.ल.इस आयत की जीवित मिसाल हैं एक ऐसी हस्ती जिनकी ज़िंदगी पूरी तरह से तक़वा, सब्र और ईमान से भरी हुई थी।
हौज़ा न्यूज़ : हज़रत रसूल ए अकरम स.ल.व. ने अपनी बेटी हज़रत फ़ातिमाؑ के बारे में क्या फरमाया?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी :हज़रत रसूल स.ल.व. ने फ़रमाया,
فاطمہ بضعة مني فمن اغضبها فقد اغضبنی
यानि फ़ातिमा मेरा हिस्सा हैं, जिसने उन्हें दुख पहुँचाया उसने मुझे दुख पहुँचाया।यह हदीस उनकी अज़ीमत और रसूल स.ल.व. के दिल में उनके मक़ाम को बयान करती है।
हौज़ा न्यूज़ : हज़रत इमाम अलीؑ स.ल.और दूसरे इमामों ने हज़रत फ़ातेमाؑ के बारे में क्या फरमाया?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी :मौला अलीؑ ने फ़रमाया,
خیر نساء العالمین فاطمہ بنت محمد
ख़ैरु निसाए अल-आलमीन फ़ातिमा बिन्त मुहम्मद।और इमाम जाफ़र सादिकؑ ने फरमाया:
ما رأیت افضل منها : मा रअैतु अफ़ज़ल मिन्हा।
यानि "मैंने उनसे बेहतर कोई और खातुन नहीं देखी।
इस तमाम हदीस से साबित होता हैं कि वह सारी ख़ातूनों में अफ़ज़ल हैं।
हौज़ा न्यूज़ : हज़रत ज़हरा स.ल. की ज़िंदगी से हमें कौन से सबक़ मिलते हैं?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी :उनकी ज़िंदगी हमें सिखाती है कि असली ख़ूबसूरती और सम्मान तक़वा, इल्म और सब्र में है।उन्होंने नमाज़, रोज़ा, सदक़ा और ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाया।वो यतीमों और ज़रूरतमंदों की मदद करतीं, हक़ के लिए आवाज़ उठातीं और हमेशा अल्लाह पर भरोसा करती थी।
हौज़ा न्यूज़ : हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल.व. को सैय्यदतुल निसा ए आलमीन कहे जाने का क्या मतलब है?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी :हज़रत रसूल स.ल.व. ने फ़रमाया,
فاطمہ سیدہ نساء العالمين
फ़ातिमा सैय्यदतुसल निसा-ए-अल-आलमीन।
यानि फ़ातिमा तमाम औरतों की सरदार हैं।
इसका मतलब यह है कि वो न सिर्फ़ अपने ज़माने की, बल्कि हर दौर की औरतों के लिए आदर्श हैं।उनकी सादगी, हिम्मत और दीनी लगन हर मुसलमान को रहनुमाई देती है।
हौज़ा न्यूज़ : आज की औरतें हज़रत फ़ातेमाؑ ज़हेरा की सिरत से क्या सीख सकती हैं?
मौलाना सैयद क़ाशिफ रिज़वी : अगर आज की औरत हज़रत ज़हराؑ की ज़िंदगी को अपना रोल मॉडल बना ले तो समाज में इंसाफ़, रहमदिली और ईमान का नूर फैल जाएगा।
उन्होंने हमें सिखाया कि इज़्ज़त, सादगी और इल्म में ही असली कामयाबी है।वो न सिर्फ़ एक बेटी, बीवी और मां के तौर पर, बल्कि एक इंसान के रूप में भी बेहतरीन मिसाल हैं।हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.ल. की ज़िंदगी हर दौर की औरत के लिए रहबर है वो एक ऐसी रौशनी हैं जो कभी मद्धम नहीं पड़ती।
उनकी सच्चाई, सब्र और ईमान की मिसाल हमें सिखाती है कि अल्लाह की राह पर चलने वाली हस्तियाँ अमर होती हैं।
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